महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों के लिए लड़ रही पार्टियों के बीच, इच्छुक उम्मीदवार अपने लिये बैनर ढूंढने की कोशिश मे जुटे है।
मुंबई
महाराष्ट्र राज्य में छह मुख्य पार्टियां बड़ी संख्या में लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आपस में लड़ रही हैं, ऐसे में इच्छुक उम्मीदवारों के लिये यह मुश्किल हो रहा है की वे किस बैनर के तहत आगामी चुनाव लड़ेंगे। ऐसे कम से कम पांच नेता है, जो पिछले कुछ हफ्तों से एक पार्टी दर पार्टी और एक नेता से दूसरे नेता के पास इस उम्मीद में भटक रहे हैं कि उनमें से कोई एक उनकी उम्मीदवारी कुबुल कर लेगा। (Maharashtra politicians looking for parties for Lok Sabha ticket)
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इनमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के वसंत मोरे भी शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मनसे छोड़ दी। पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल, जो अपने भतीजे धैर्यशील को समर्थन दे रहे हैं, जो भाजपा नेता हैं, जिन्होंने सोलापुर में माढा निर्वाचन क्षेत्र से रंजीतसिंह निंबालकर को फिर से नामांकित करने के पार्टी के फैसले का विरोध किया है। राकांपा विधायक नीलेश लंके, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर अहमदनगर से चुनाव लड़ने के लिए शरद पवार गुट का आसरा लिया है। शिव संग्राम प्रमुख स्वर्गीय विनायक मेटे की पत्नी ज्योति मेटे बीड से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं और उन्होंने राकांपा संस्थापक शरद पवार और भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस दोनो से मुलाकात की है। विदर्भ से कांग्रेस विधायक राजू परवे, जो रामटेक निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा से कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हुए है। और पूर्व कांग्रेस विधायक नामदेव उसेंडी, जिन्होंने गढ़चिरौली निर्वाचन क्षेत्र से टिकट न मिलने के बाद पार्टी से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए।