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जीवनावश्यक दवाएं भी अब बनेगी जेब पर बोझ

एंटीबायोटिक्स से लेकर दर्दनिवारक तक, ये जीवनावश्यक दवाएं आज से होंगी महंगी!

नई दिल्ली
सरकार आवश्यक दवाओं के लिए अब तक की सबसे ज्यादा वार्षिक कीमत बढोतरी को लागू करने के लिए तैयार है, 1 अप्रैल, 2024 से कीमतों में 12 फीसदी की बढोतरी होने की उम्मीद है। आवश्यक दवाओं के 1,000 से अधिक फॉर्मूलेशन और 384 दवाओं की कीमतें बढ़ जाएगी। (Even life essential medicines will now become a burden on the pocket)

जीवनावश्यक दवाएं भी अब बनेगी जेब पर बोझ

यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में उछाल की वजह से है, जो जनवरी 2023 और इस वर्ष के बीच 12.12 फिसदी तक पहुंच गई। ये आवश्यक दवाएं, जिन्हें Essential Drugs के रूप में भी जाना जाता है, बहोत सी सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और सीधे खुदरा उपभोक्ताओं को बेची जाती हैं।

WPI में तेज बढ़ोतरी

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के अधिकारियों ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के कार्यालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए डब्ल्यूपीआई में तेज उछाल की पुष्टि की है। लगातार दूसरे साल जरूरी दवाओं की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होना तय है। पिछले साल इन दवाओं की कीमतों में लगभग 11 फिसदी की बढ़ोतरी हुइ थी।

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कई दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया

भारतीय बाजार में उपलब्ध लगभग 6,000 फॉर्मूलेशन की श्रृंखला में से, लगभग 18 फीसदी को अनुसूचित दवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वर्गीकरण दर्शाता है कि यह दवाएं राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ मूल्य नियंत्रण के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में कोरोनरी स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण सहित अलग अलग चिकित्सा उपकरणों पर कीमत नियंत्रण का विस्तार किया गया है।

1 अप्रैल से महंगी होने वाली  जीवनावश्यक दवाएं

  • दर्द निवारक : डिक्लोफेनाक, इबुप्रोफेन, मेफेनैमिक एसिड, पैरासिटामोल, मॉर्फिन
  • टीबी रोधी दवा: एमिकासिन, बेडाक्विलिन, क्लेरिथ्रोमाइसिन, आदि।
  • आक्षेपरोधी : क्लोबज़म, डायजेपाम, लोराज़ेपम
  • जहर में एंटीडोट्स : सक्रिय चारकोल, डी-पेनिसिलिन, नालैक्सोन, सांप जहर एंटीसेरम
  • एंटीबायोटिक्स : एमोक्सिसिलिन, एम्पीसिलीन, बेंज़िलपेनिसिलिन, सेफ़ाड्रोक्सिल, सेफ़ाज़ोलिन, सेफ्ट्रिएक्सोन
  • कोविड प्रबंधन दवाएं
  • एनीमिया की दवाएं : फोलिक एसिड, आयरन सुक्रोज, हाइड्रोक्सोकोबालामिन आदि।
  • पार्किंसंस और डिमेंशिया : फ़्लुनारिज़िन, प्रोप्रानोलोल, डोनेपेज़िल
  • एचआईवी प्रबंधन दवाएं : अबाकाविर, लैमिवुडिन, ज़िडोवुडिन, एफाविरेंज़, नेविरापीन, राल्टेग्रेविर, डोलटेग्रेविर, रिटोनावीर, आदि।
  • एंटिफंगल: क्लोट्रिमेज़ोल, फ्लुकोनाज़ोल, मुपिरोसिन, निस्टैटिन, टेरबिनाफाइन, आदि।
  • हृदय संबंधी दवाएं : डिलिटेज़ेम, मेटोप्रोलोल, डिगॉक्सिन, वेराप्रामिल, एम्लोडिपाइन, रामिप्रिल, टेल्मिसर्टन, आदि।
  • त्वचा संबंधी औषधियाँ
  • प्लाज़्मा और प्लाज़्मा विकल्प
  • एंटीवायरल दवाएं : एसाइक्लोविर, वाल्गैन्सिक्लोविर, आदि।
  • मलेरिया की दवाएँ : आर्टेसुनेट, आर्टेमेथर, क्लोरोक्वीन, क्लिंडामाइसिन, क्विनिन, प्राइमाक्विन आदि।
  • कैंसर के इलाज की दवाएँ : 5-फ्लूरोरासिल, एक्टिनोमाइसिन डी, ऑल-ट्रांस रेटिनोइक एसिड, आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड, कैल्शियम फोलिनेट आदि।
  • एंटीसेप्टिक्स और कीटाणुनाशक : क्लोरोहेक्सिडिन, एथिल अल्कोहल, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, पोविडीन आयोडीन, पोटेशियम परमैंगनेट, आदि।
  • सामान्य एनेस्थेटिक्स और ऑक्सीजन दवाएं जैसे हैलोथेन, आइसोफ्लुरेन, केटामाइन, नाइट्रस ऑक्साइड, आदि।

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