भारत के चौथे सर्वाधिक रन स्कोरर के रूप में विदाई
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से तत्काल प्रभाव से संन्यास की घोषणा की। 36 वर्षीय कोहली ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के माध्यम से यह निर्णय साझा किया, जिसमें उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपने गहरे लगाव और इस प्रारूप में बिताए गए 14 वर्षों की यात्रा को याद किया।
कोहली ने लिखा, “जैसे ही मैं इस प्रारूप से दूर होता हूं, यह आसान नहीं है – लेकिन यह सही लगता है। मैंने इसे सब कुछ दिया है, और इसने मुझे उससे कहीं अधिक वापस दिया है जितना मैं उम्मीद कर सकता था। मैं कृतज्ञता से भरे दिल के साथ जा रहा हूं – खेल के लिए, उन लोगों के लिए जिनके साथ मैंने मैदान साझा किया, और हर उस व्यक्ति के लिए जिसने मुझे इस यात्रा में देखा।”
कोहली का यह निर्णय भारत के आगामी इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले आया है, जहां टीम को पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। उनके संन्यास के साथ ही भारतीय टीम को अनुभव की कमी का सामना करना पड़ेगा, विशेषकर जब हाल ही में रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।
विराट कोहली : करियर की प्रमुख उपलब्धियां
मैच खेले: 123 टेस्ट
कुल रन: 9,230
औसत: 46.85
शतक: 30
अर्धशतक: 31
डबल सेंचुरी: 7 (भारत के लिए सर्वाधिक)
कप्तानी रिकॉर्ड: 68 में से 40 टेस्ट में जीत, भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और जल्द ही भारतीय टीम के मुख्य स्तंभ बन गए। उनकी कप्तानी में भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज में हराया और लगातार पांच वर्षों तक आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में शीर्ष स्थान बनाए रखा।
हालांकि, हाल के वर्षों में कोहली का फॉर्म टेस्ट क्रिकेट में कुछ गिरावट पर था, जिससे उनका औसत 55.10 से घटकर 46.85 हो गया। उनका अंतिम टेस्ट शतक नवंबर 2024 में पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था। ([The Times][3])
कोहली ने पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और अब उनका ध्यान एकदिवसीय क्रिकेट पर केंद्रित है, विशेषकर 2027 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले विश्व कप पर।
उनके संन्यास की घोषणा के बाद, बीसीसीआई (BCCI) कहा, “टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत हुआ है, लेकिन विरासत हमेशा बनी रहेगी। विराट कोहली, पूर्व टीम इंडिया कप्तान, टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेते हैं। उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।”