नई दिल्ली
दोनों देशो के बीच संबंधों में गिरावट के बीच, भारत सरकार ने मालदीव (Maldives) को कई ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति को मंजूरी दे दी है, जिनमें चावल, गेहूं और प्याज जैसी चीज़े शामिल हैं, जिनके निर्यात पर काल ही में प्रतिबंध लगा हुआ है।(India approves export of food items including rice, wheat to Maldives)
माले में भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सरकार ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर द्विपक्षीय तंत्र के तहत 2024-25 के लिए इन चीज़ों के निर्यात की मंज़ूरी दी है। 1981 में तंत्र लागू होने के बाद से स्वीकृत मात्रा भी सबसे अधिक है।
निर्यात के लिए मंजूरी ऐसे वक्त पर आई है जब भारत और मालदीव के बीच ताल्लुकात निचले स्तर पर हैं, खासकर पिछले साल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव के बाद, रणनीतिक क्षेत्रों में भारत पर भारतीय द्वीपसमूह की निर्भरता को खत्म करने की मांग की है। मुइज़ू ने मालदीव का चीन के साथ करीबी रिश्ता बना लिया है।
बयान में कहा गया है, “मालदीव में तेजी से बढ़ते निर्माण उद्योग के लिए ज़रूरी चीज़ों मे नदी रेत और पत्थर समुच्चय का कोटा 25% बढ़ाकर 1,000 मीट्रिक टन कर दिया गया है। अंडे, आलू, प्याज, चीनी, चावल, गेहूं का आटा और दाल के कोटा में भी 5% की वृद्धि हुई है| ”
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भारत ने अपने घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मई 2022 में गेहूं और जुलाई 2023 में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने पिछले दिसंबर में करीब चार महीने के लिए प्याज की निर्यात भी बंद कर दी थी। हालाँकि, भारत ने केस-टू-केस आधार पर बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख साझेदारों को चावल, गेहूं और प्याज की आपूर्ति की है।