G9 और फ़ैमिली गैंग लीडर अब ‘हैती का सबसे शक्तिशाली शख्स’ है
हैती में हाल के दिनों में सामूहिक हिंसा में इज़ाफा होता जा रहा है। हथियारबंद गिरोह के लडाकूओं ने मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्ज़ा करने की कोशिश की है, साथ ही पुलिस स्टेशनों और जेलों पर भी हमला किया है। इनका मकसद हाईटियन प्रधान मंत्री एरियल हेनरी को अपने कुर्सी से हटाना है। इन हमलों की जिम्मेदारी अगर किसीने ली है, वो है जिमी ‘बारबेक्यू’ चेरिज़ियर। (Who is Jimmy ‘Barbecue’ Charizier?)
जिमी ‘बारबेक्यू’ चेरिज़ियर कौन है?
चेरिज़ियर एक पूर्व पुलिस अधिकारी है जो अब ‘जी9 एंड फ़ैमिली’ नामक एक गिरोह का संचालन करता है। इस कुख्यात गिरोह के सरगने ने प्रधान मंत्री एरियल हेनरी (Ariel Henry) के इस्तीफा देने तक लड़ने की कसम खाई है।
चेरिज़ियर ने पिछले हफ्ते अपने साथीयों से कहा, “मैं शैतान के साथ गठबंधन बनाने के लिए तैयार हूं, शैतान के साथ एक ही बिस्तर पर सोने के लिए तैयार हूं।”
ऐसा माना जाता है कि 47 वर्षीय इस शख्स को “बारबेक्यू” ये लकब दिया गया था, क्योंकि वह अपने शिकार को आग लगा देता है। न्यूयॉर्क पोस्ट का कहना है कि यह एक उपनाम उसे उसकी माँ ने दिया था जब वह एक छोटा बच्चा था।
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न्यू यॉर्कर मे एक इंटरव्यु के दौरान, चेरिज़ियर ने खुद की तुलना मार्टिन लूथर किंग, जूनियर से की थी। वह हाईटियन राष्ट्रीय पुलिस के सदस्य थे, लेकिन 2018 में उन्हें पुलिस बल से निकाल दिया गया था। उन पर आरोप था उनका नाम कई खतरनाक अपराधो से जुडा था। जिनमे ला सलाइन झुग्गियों में हत्याओं सहित अपराधों में 71 लोगों की मौत और सात महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था। लगभग 400 घर जलकर खाक हो गये। हालाँकि, उन्होंने अपराधों से अपना किसी भी तरह का ताल्लुक होने से साफ इनकार किया है।
आखिरकर चेरिज़ियर ने G9 परिवार पर कब्ज़ा कर लिया। यह संगठन पोर्ट-ऑ-प्रिंस की कई झुग्गीयों और सड़कों पर नियंत्रित रखता है।
पोर्ट-ऑ-प्रिंस के एक स्वतंत्र सलाहकार, जूड्स जोनाथस ने मिडिया से बातचीत मे बताया, “बदनसीबी से, बारबेक्यू अब हैती में सबसे ताकतवर शख्स है।”
इस बीच, कथित तौर पर सामूहिक हिंसा से हालात खराब होने की वजह से अमेरिका ने हैती से गैर-आवश्यक दूतावास के अपने कर्मचारियों को एयरलिफ्ट कर लिया है। अमेरिका ने पोर्ट-ऑ-प्रिंस में अब अपने मिशन पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “अमेरिकी दूतावास इलाके के पास और हवाई अड्डे के पास बढ़ते सामूहिक हिंसाचार की वजह से विदेश विभाग को अतिरिक्त दूतावास कर्मियों को वहा से हटाने का निर्णय लेना पड़ा।”